टीसीएस 12,200 नौकरियां कटेगा: आईटी उद्योग के बड़े पुनर्संरचनात्मक दौर में बड़ा बदलाव
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में अपनी कार्यबल में लगभग 2 प्रतिशत कटौती करने का ऐलान किया है, जिसका मतलब है कि करीब 12,200 कर्मचारियों के पद कटेंगे। यह फैसला कम्पनी के बड़े पुनर्संरचनात्मक प्रयास का हिस्सा है, जिसमें नई तकनीकों, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के समावेश, नई बाज़ारों में विस्तार, और व्यवसाय मॉडल के आधुनिकीकरण को लेकर बदलाव शामिल हैं।
यह कदम न सिर्फ TCS के लिए बल्कि पूरे भारतीय आईटी उद्योग के लिए एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद से यह सबसे बड़ी छंटनी में से एक है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि टीसीएस क्यों यह फैसला ले रहा है, इससे कर्मचारियों पर क्या असर पड़ेगा, और इससे पूरे उद्योग को कैसे प्रभावित होगा।
TCS क्यों कर रहा है 12,200 नौकरियों की कटौती?
टीसीएस ने अपने कारोबार में आने वाले तकनीकी बदलावों के चलते यह घोषणा की है। कंपनी के सीईओ के. कृथिवासन ने स्पष्ट किया है कि यह कटौती मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी। इसका उद्देश्य कंपनी को भविष्य के लिए अधिक फुर्तीला (Agile) और तकनीकी रूप से सशक्त (Tech-Enabled) बनाना है।
प्रमुख कारण:
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AI (Artificial Intelligence) और ऑटोमेशन का व्यापक इस्तेमाल: इससे कुछ प्रकार के मैनुअल या पारंपरिक कार्यों की जरूरत कम हुई है।
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बाजार में धीमी वृद्धि और ग्राहकों की आपूर्ति में देरी: वैश्विक अस्थिरता और आर्थिक दबाव के कारण परियोजनाओं की शुरुआत में कमी।
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नई तकनीकों में निवेश और कौशल विकास: कंपनी ने अब तक अपने कर्मचारियों को नए कौशल में प्रशिक्षित किया है, लेकिन पुन: नियुक्ति (redeployment) में कुछ क्षेत्रों में कमी रही।
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व्यवसाय मॉडल का पुनः संरेखण: कंपनी नए बाजारों में प्रवेश कर रही है और तकनीकी आधार को मजबूत कर रही है।
टीसीएस ने कहा है कि यह निर्णय सोच-समझकर लिया गया है जिससे ग्राहकों को सेवा देने में कोई बाधा न आए। उन्होंने यह भी कहा है कि प्रभावित कर्मचारियों को उचित सेवरेंस पैकेज, नोटिस पीरियड की तनख्वाह, हेल्थ इंश्योरेंस और आउटप्लेसमेंट सहायता दी जाएगी।
कौन-कौन प्रभावित होगा?
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मुख्य रूप से मिडिल और सीनियर मैनेजमेंट के कर्मचारी।
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जूनियर या फ्रेशर लेवल के कर्मचारियों पर कटौती कम होगी।
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उन विभागों में जहां पुन:आयोग्यता संभव नहीं थी या नई तकनीकों के अनुरूप कौशल आवश्यक नहीं था।
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वैश्विक स्तर पर लगभग 6,13,000 से अधिक कर्मचारियों में से यह लगभग 2 प्रतिशत का हिस्सा है।
इस फैसले का कर्मचारियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
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72,000 से अधिक नए कर्मचारी भर्ती के बाद भी, टैलेंट को जरूरत के हिसाब से रीसेट करने की प्रक्रिया जारी है।
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प्रभावित कर्मचारी अपनी वर्तमान नौकरी खो देंगे और नौकरी ढूँढने के लिए नए अवसर तलाशने होंगे।
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कंपनी ने आउटप्लेसमेंट सहायता और पुन: प्रशिक्षण की व्यवस्था की है ताकि प्रभावित कर्मचारियों को नए कौशल सीखने और नई नौकरी पाने में मदद मिले।
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कर्मचारियों में असमंजस और चिंता का माहौल बना है खासकर उनके लिए जो मध्य या वरिष्ठ पदों पर हैं।
क्या यह AI की वजह से हुआ?
टीसीएस के नेतृत्व ने बार-बार कहा है कि यह कटौती सीधे तौर पर AI के कारण नहीं है। बल्कि यह कंपनियों की नई आवश्यकताओं और कौशलों के आधार पर हो रही कार्यबल की पुन:संरचना है। हालांकि कई विश्लेषक मानते हैं कि AI और ऑटोमेशन ने सचमुच व्यवसाय में बड़े बदलाव किए हैं जिससे मैनुअल टास्क और पारंपरिक रोल की आवश्यकता कम हुई है।
TCS ने क्या किया है अब तक?
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2025 की पहली तिमाही में टोटल कार्यबल 6,13,069 था।
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इस तिमाही में 5,000 से अधिक कर्मचारियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया।
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कंपनी ने घोषणा की है कि नए पदों के लिए भर्ती को मांग के अनुसार पुनः समायोजित करेगी।
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कर्मचारियों ने मिलकर 1.5 करोड़ घंटे से अधिक टाइम निकाला है ताकि वे उत्कृष्ठ तकनीक, खासकर AI में दक्षता हासिल कर सकें।
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TCS के पास अब 1,14,000 से अधिक कर्मचारी AI से संबंधित उच्च कौशल वाले हैं।
भारतीय आईटी उद्योग और वैश्विक माहौल
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भारतीय आईटी उद्योग पिछले कुछ वर्षों में बहुत तेजी से बढ़ा है, लेकिन अब वैश्विक अर्थव्यवस्था के दबाव और कई अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना कर रहा है।
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यूएस और यूरोपीय बाजारों में खर्च में कमी के कारण आईटी कंपनियों को परियोजना अधिग्रहण और विस्तार में थोड़ी बाधा आ रही है।
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भारत की IT सेवाएं निर्यात पर निर्भर हैं; इसलिए ग्लोबल आर्थिक मंदी का सीधा प्रभाव होता है।
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इस बदलाव में टीसीएस जैसी बड़ी कंपनी अपने कार्यबल को छोटा करके परिचालन खर्च घटाना चाहती है।
कर्मचारियों को क्या विकल्प मिलेंगे?
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प्रभावित कर्मचारियों को सेवरेंस, नोटिस पीरियड वेतन, स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएँ दी जाएंगी।
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आउटप्लेसमेंट सहायता के तहत नौकरी खोजने और करियर सलाहकार सेवाओं की सुविधा मिलेगी।
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कौशल विकास और पुनः प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे ताकि नए क्षेत्रों में अवसर खोजे जा सकें।
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कंपनी का दावा है कि कर्मचारियों के पुन: नियोजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
TCS के भविष्य की दिशा
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TCS अपनी तकनीकी दक्षता बढ़ाने में संलग्न है, खासकर AI, क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में।
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इसके साथ ही वह नए बाजारों में विस्तार कर रही है और रणनीतिक निवेश कर रही है।
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कार्यबल को छोटा कर कंपनी अधिक फुर्तीला (agile) और प्रतिस्पर्धी बनना चाहती है।
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भविष्य में ज्यादा Automation और AI आधारित सर्विसेज विकसित होंगी।
निष्कर्ष: क्या यह एक नई शुरुआत है?
TCS की यह छंटनी भारतीय IT जगत में बड़ी चर्चा का विषय है। यह केवल कर्मचारियों की कटौती नहीं बल्कि एक उद्योग के पुनर्गठन और तकनीकी बदलाव के लिए सचेत कदम है। कर्मचारियों को नए कौशल सीखने और भविष्य के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
यह भी बताता है कि तकनीकी विकास के साथ काम करने का तरीका भी बदल रहा है और कंपनियों को अपनी रणनीतियों को उसी अनुसार ढालना जरूरी है।
आपकी क्या तैयारी होनी चाहिए?
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कर्मचारी अपने कौशल और तकनीकी ज्ञान को अपडेट करें, खासकर AI, मशीन लर्निंग, डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में।
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करियर विकल्पों और पुनःप्रशिक्षण के लिए खुला दृष्टिकोण रखें।
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डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन कोर्सेज से सीखने का मौका न छोड़ें।
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यदि आप TCS या अन्य आईटी फर्मों में हैं, तो कंपनी के बदलावों की नियमित जानकारी रखें।
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उद्योग जगत के हालात से अपडेटेड रहना महत्वपूर्ण होगा।
आम सवाल (FAQs)
Q1: क्या सिर्फ जूनियर कर्मचारियों को हटाया जा रहा है?
A: नहीं, मुख्य रूप से मिडिल और सीनियर लेवल कर्मचारी प्रभावित होंगे।
Q2: क्या इस छंटनी का कारण केवल AI है?
A: नहीं, AI एक कारण है, लेकिन मुख्य कारण कार्यबल का नया व्यावसायिक ढांचा और कौशल आवश्यकताएं हैं।
Q3: TCS ने छंटनी में प्रभावित कर्मचारियों के लिए क्या सहायता का प्रावधान किया है?
A: सेवरेंस पैकेज, हेल्थ इंश्योरेंस, नोटिस पीरियड वेतन और आउटप्लेसमेंट सहायता दी जाएगी।
Q4: भविष्य में TCS की क्या योजना है?
A: AI, क्लाउड, डिजिटल नवाचार में निवेश जारी रखेंगे और नए बाजारों में विस्तार करेंगे।
अंत में
TCS की 12,200 नौकरियों की कटौती भारतीय IT उद्योग में बदलाव के संकेत हैं। ये बदलाव तकनीकी विकास और वैश्विक आर्थिक दबाव का परिणाम हैं। यह समय है जब कर्मचारी और उद्योग दोनों को नए कौशल अपनाकर भविष्य के लिए तैयार रहना होगा।
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